ताज्जुब की बात तो यह है कि इस पर भी रिसर्चर्स मानने को तैयार नहीं थे कि उनके पहले अध्ययन में कोई कमी थी या पूरी तरह तथ्यों से उसके नतीजों की संपुष्टि करना बाकी है।
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ताज्जुब की बात तो यह है कि इस पर भी रिसर्चर्स मानने को तैयार नहीं थे कि उनके पहले अध्ययन में कोई कमी थी या पूरी तरह तथ्यों से उसके नतीजों की संपुष्टि करना बाकी है।